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कुछ दिन पहले बाबा राम देव हर समाचारपत्रों, चैनलों, और यहाँ तक की राजनितिक दलों की बैठकों में भी छाये हुए थे. अब आप मुझसे पूछ सकते है भाई ये बाबा राम देव कब सुर्खिओं में नहीं होते? ऐसा ही एक सवाल मेरे एक दोस्त ने काफी दुःख और असमंजस में मुझसे पूछा. बात तो सौ फीसदी सही है की देश चाहे कैसी भी समस्या से गुजरे उसका कोई समाधान किसी के पास हो या न हो पर बाबा राम देव अपने रामबाण के साथ आपको हर चैनल पर प्रवचन देते मिल जायेंगे.
आपको याद होगा की पिछले साल हमारा देश स्वाइन फ्लू नामक बीमारी से बुरी तरह पीड़ित था. कोई दवा कोई बचाव नहीं था लोगो की जान जा रही थी. फिर एक दिन प्रकट हो गए राम देव अपने रामबाण के साथ. तुलसी और पता नहीं कैसी कैसी पत्तियों के साथ. नुस्खा बता रहे थे और मिडिया उनके पत्तियों को रामबाण बता कर हाईलाईट कर रही थी, मुझे पता नहीं वो नुस्खा कितनो की जान बचा पाया. अंदाज़ आप लगा सकते है. और मै आपको यहाँ बताना चाहूँगा की ये फूल-पत्तियां केवल बाबा के पतंजलि में ही मिलती है कही और से लिया तो वो नकली होगा और आपके प्राण पखेरू कुछ पहले भी उड़ सकते है. एक घटना का वर्णन यहाँ करना प्रासंगिक होगा. लोगो को भारत में अब पिकनिक मानाने का मन होता है और वो अगर पैसे वाले है तो पतंजलि योग पीठ चले जाते है. क्या मस्त पिकनिक होती है, स्वास्थ लाभ भी हो जाता है, पवित्र माहोल मिलने के साथ साथ पतंजलि की अद्भुत शिल्पकारी भी देखने को मिलती है. है ना फायदे का सौदा? मैं भी आदत से मजबूर प्राणी हूँ घूमना मेरी फिदरत है और फिर उन अनुभवों को आलेख के रूप में लिखना मेरी मजबूरी क्यूकी मुझे दोहरा चरित्र पसंद नहीं. अब नज़र एक गरीब पर डालते है जो बड़े आशाओं के साथ पतंजलि गया था कि बाबा से मिलने का सौभाग्य प्राप्त होने के साथ साथ उसे अपने गाल ब्लाडर के पथरी से भी मुक्ति मिल जायेगा. ये लूटेरे डाक्टर लोग ऑपरेशन का बहुत पैसा मांग रहे है.
उस भाई साहब से जान पहचान हुई बातो के क्रम में ये सब उन्होंने बताया. मैंने उनसे सहानुभूति जताते हुए कहा कि आपको अगर मेरी जरूरत हो तो मैं चलू आपके साथ वैध के पास जिनसे अभी आपको यहाँ मिलना है? उन्हें तो जैसे बिन मांगे बहुत कुछ मिल गया हो बोले” बाबू चलो आप पढ़े लिखे हो ज्यादा समझ पाओगे”
वैध जी ने कहा “आपकी ये पथरी निकल तो नहीं सकती हाँ हम इसको बढ़ने से रोक सकते है”
मैंने पूछा “वैध जी जहाँ तक मेरा ज्ञान है मुझे लगता है कि अगर कोई बाहरी अनैच्छिक वस्तु जो हमारे शारीर का हिस्सा नहीं है वो अगर शारीर में रहेगा तो किसी हालत में नुकसान ही करेगा”
थोड़ी देर बहस हुई फिर वैध जी ने कहा”वैसे करवाना तो आपको ऑपरेशन ही होगा क्युकी इस पथरी का गल कर निकल पाना असंभव है”
गरीब आदमी थोडा चिढ़ते हुए बोला”पर बाबा तो कहते है कि कोई भी पथरी गल सकता है और गला है, कई लोगो को लाभ हुआ भी है”
मन ही मन में बडबडा रहा था “बाबा टी वी पर कुछ और असलियत में कुछ और”
मैंने पूछा कि ये आप किस दावा कि बात कर रहे थे जो इस पथरी को बढ़ने से रोकेगा.
“ये एक विशेष प्रकार का पौधा है जिसकी पत्ती का सेवन करना होगा.. पत्थरचट्टा नामक जो यही मिलता है हमारे नर्सरी में, बाहर नकली सामान मिल सकता है.एक अरमान का खून हो चूका था उस गरीब का.
वही मैंने देखा लिखा हुआ था “शल्य चिकित्सा कक्ष”. देख के हैरानी हुई ये क्या नौटंकी है आयुर्वेदिक लोग क्या शल्य चिकित्सा भी करते है. फिर एहसास हुआ बाबा चरक से कम थोड़े न है चमत्कारी पुरूष है कुछ भी कर सकते है.
वह आदमी बोला”बाबू बाबा से मिल लेता, चलो देख ही लेता तो आना सफल हो जाता अब भी”
उसके दिल में बाबा के लिए इतना प्यार देख मेरा दिल भड आया. पेपर में पढ़ा था कि बाबा उन दिनों हरिद्वार में ही थे.
रिशेप्शन पर जा कर पूछा “भाई साहब बाबा रामदेव से मिलना था”\
उसने पहले ऊपर से नीचे तक मुझे घूरा और बोला “भाई साहब आप के जैसे यहाँ हर लोग बाबा से मिलने ही आते है पर एक जबाब देते देते मै थक गया हूँ कि बाबा आप जैसे लोगो से नहीं मिलते”
मैं थोडा आश्चर्यचकित हो गया और पूछा “तो कैसे लोगो से बाबा मिलते है?”
“भाई आप बूरा मत मानो पर वो चीफ मिनिस्टर से नीचे नहीं मिलते कभी कभी उन्हें भी वक़्त नहीं मिलता”
“कोई बात नहीं उनके पी ऐ से मिलवा दो” मैंने कहा
“कोई नहीं मिलेगा आप से क्यों अपना और मेरा समय ख़राब कर रहे हो?” वो थोडा चिढ के बोला.
उसके इतना बोलते ही एक गार्ड मेरे पास आया और बोला भाई तेरे को हिंदी समझ नहीं आती क्या…उठा के फेक दूंगा नहीं तो चुपचाप चला जा”
मैंने वह से जाना ही बेहतर समझा. जिस बाबा से लोगो कि इतनी आशाएं जुड़ चुकी है उसके यहाँ व्याप्त इस अराजकता को देख मै दंग रह गया. बाबा को इन टी वी चैनलों से फुर्सत मिले तब तो वो इन लोगो से मिले. कुछ दिन पहले वो खबर में इसलिए थे कि वो अपनी नवगठित पार्टी को आम चुनाव में उतारने वाले है. बाबा आप से कहना चाहूँगा टी वी पर आ कर गोल मोल बाते करना आसान है पर इन गरीबो जिन से ये भारत देश है उनके दुःख दूर करना मुश्किल. आप पहले ही हिन्दू धर्म को नीचा दिखा चुके है ये कह कर कि ॐ सब धर्म का है. मुस्लिम ये मान ने को तैयार नहीं है और आप महान बन ने के लिए आमादा है.
आपने एक स्कीम निकला है वानप्रस्थ का जिसमे लोग अभी आपके द्वारा निर्धारित रकम दे और बुढ़ापे में आ कर ऐ सी कमरे में वानप्रस्थ का मजा ले.ऐ सी में वानप्रस्थ, क्या ट्रेजेडी है? ५ लाख का २ रूम ऐ सी के साथ बिना ऐ सी का रूम भी है कम दामो में. आप से कोई सीखे बिजनेस. लिखना और भी था पर आलेख लम्बा हो चूका है….उम्मीद है आगे दूसरा भाग भी लिखूंगा..
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