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ये कैसा वक़्त है….?

Dual Face
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वक़्त भला तो सब भला
वक़्त बुरा तो सब बुरा
वक़्त की मार ऐसी है यारो
जो टूटा वो फिर ना जुड़ा

इसी ने दिलवाया पांडवो को वनवास
इसी ने बनाया राजा को रंक
वक़्त ने बुद्धि मारी जब
रावण जलवा बैठा अपना लंक

वक़्त ने इश्वर तक को नहीं बक्शा
कृष्ण को दिलवा दी रणछोड़ की उपाधि
इसी ने छीना शती को शिव से
राम को बनवाया सीता का अपराधी

वक़्त की आग में मैंने
अहंकार को जलते देखा है
वक़्त की वृष्टि में मैंने
चमत्कार के फूल को खिलते देखा है

वक़्त एक ऐसी भठ्ठी है
जिसमे इंसान जल कर निखड़ता है
जो वीर नहीं होते है वो
तिल तिल कर के बिखडता है

वक़्त ही देता है ज़ख्म
वक़्त ही लगाता है इस पर मरहम
किसी को पता नहीं है पर
यही है जिन्दगी का सरगम

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