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एक दिन हॉस्पिटल जा रहा था, आज कल कुछ क्लास वहां भी होती है. मेरी कई आदते अजीब है, इनमे से एक तो उटपटांग आलेख भी लिखना है. पर जब आप लोगो का इतना प्यार मिलता है तो इन आदतों पर इतराने भी लगता हूँ.
आदत की बात हुई है तो बता दू कि, मैं क्लास अकेले नहीं जाता अपने कुछ सज्जन मित्रों को साथ ले लेता हूँ. सच मानिये तो इसके कई फायदे है. पहला की आप रास्ते भर बोर नहीं होते और दूसरा इस विदेश में कोई आपको अकेला देख कर हमला नहीं बोलता.
एक दिन उन्हें साथ लेने को उनके रूम पर पंहुचा की देखता हु मेरा मित्र तैयार हो चूका है और ठुमके लगा रहा है. वैसे सच मानिए तो मैं उसके कई गुणों का कायल हु इसमें से उसका पाश्चात्य नृत्य करने का अनोखा ढंग भी है. भाई साहब बड़े खुश लग रहे थे. इस कडाके की ठण्ड में, सुबह ६ बजे जबकि अँधेरा ही होता है उठने वाला शख्स अगर आपको खुश लगे तो मुझ जैसे निद्राप्रेमी को तो आश्चर्य ही होगा. क्युकी मेरे चेहरे पर तो भाई साहब आज कल इस वक़्त भी १२ ही बज रहे होते है.
कुछ पूछता इस से पहले ही मित्र ने पूछा शीला की जवानी सुनी? मैं थोडा हतप्रभ रह गया की क्या हुआ इन्हें की आज सुबह सुबह इन्हें शीला की जवानी सूझी है जब आप मन ही मन कोलेज प्रशासन को कोसते हो. क्युकी कोलेज को थोडा ख्याल हमारा रखना चाहिए. खास कर हम निंद्राप्रेमियों का.
अनमने ढंग से खुद को एकग्रित करते हुए पूछा की “कोई नयी लड़की आई है क्या शीला?” क्युकी नए बच्चे जिनमे ज्यादा लडकिया थी वो इंडिया से यहाँ आ रहे थे.
“अरे नहीं यार गाना सुना की नहीं शीला की जवानी?”
“गाना…? ये कब आया कोई नया है क्या?”
“अरे तीस मार खान की है केटरीना वाली..किस दुनिया में हो भाई?”
“नहीं यार अभी तक सुअवसर नहीं मिला इस जवानी को सुनने का, अभी अभी जाना ही है की कोई गाना भी है ऐसा”
भाई साहब मेरे से दिमाग हटा कर फिर मस्त हो गए गाना को सुन ने में. मैं थोडा क्षद्म भाव से ग्रसित भी हो गया खुद के.
कहने की जरुरत नहीं पुरे रास्ते और क्लास के मध्यावकाश में भी उन्होंने उस जवानी के अलावा कही और ध्यान नहीं दिया, जबकि आस पास सुनहरी और देशी जवानिया भी थी.
कई लोगो के मुह से सुना इस शीला की जवानी के बारे में, मानो लग रहा था की शीला के अलावा किसी और की कोई जवानी न तो थी न है न होगी. अब जवानी की बात हो तो बुढ्ढा भी कहा पीछे हटता है. मै तो अभी उतना बुढ्ढा भी नहीं था. कोतुहल वश यु ट्यूब खोला और गाना लिख दिए स्पेस में और भला हो मोडर्न साइंस के इस आविष्कार का, कुछ क्षणों में ही गाना मेरे कोम्प्यूटर के स्क्रीन पर था.
गाना सुना ही नहीं देखा भी वैसे मेरे उस मित्र ने इस मादक वीडियो का भी जिक्र किया था और केटरीना के लटके और खास कर बेली डांस का खुले दिल से प्रशंसा ही नहीं की मुझे देखने का सुझाव भी दिया. मेरा मित्र सही कह रहा था केटरीना की अदा तो किसी को भी मदहोश कर दे.
पूरा गाना तो मैं यहाँ नहीं लिख सकता हाँ कुछ चीजों पर आपका ध्यान जरुर खीचना चाहूँगा.
गाना का शुरूआती बोल : माई नेम इज शीला, शीला की जवानी… आम टू सेक्सी फार यु मैं तेरे हाथ न आनी….
एक तो पाश्चात्य रंग में डूबा हुआ ऐसा गाना जिसमे लड़की की जवानी का बखान किया गया है, उसके काया की तारीफ़ की गयी है. आप खुद सोचिये गाना वेस्टर्न हो, जवानी और सेक्सी जैसे मादक और उतेजक शब्दों का इस प्रकार प्रयोग हो तो गाना तो हिट होनी ही है. आज कल हर चीज़ की टी आर पी का ख्याल रखा जाता है. और जो सबसे गन्दा भाग है जिस से मुझे ऐतराज़ है, ऐसे गानों का न तो हिंदी न ही इंग्लिश में ही होना. आज कल हिंगलिश का जमाना आ गया है. कहा ले कर जाएगा इस विरासत को पता नहीं.
वैसे तो मैं क्षुद्र बुध्धी का खुद को मान ने से इनकार करता हु पर हो भी सकता हूँ क्युकी आज कल ये फेशन है और मैं इस फेशन के पक्ष में बिलकुल नहीं.
गाना का बोल : “दिल मेरा करता है मैं खुद को खुद से गले लगाऊ, किसी और की मुझे जरुरत क्या मैं खुद से ही प्यार जताऊ”
माफ़ कीजिये मैं गलत भी हो सकता हु पर कही न कही मुझे ये समलेंगिकता को बढ़ावा देता हुआ नज़र आया. फिर मस्त टी आर पी.
इस गाने का एक मस्त टी आर पी केटरीना का अधनंगे हो कर बेड पर मादक नृत्य भी है.
आप याद करेंगे तो पायेंगे की अतीत में भी जुली (पुरानी) और कई अजीब फिल्मे आई थी पर उनका संगीत काफी मनमोहक तथा सहज सरल था. कह सकते है अमर है आज भी वो संगीत. अब लोगो का नजरिया बदल गया है, पसंद बदल गयी है तो आज शीला की जवानी की चर्चा है कल पूजा की होगी क्युकी जवानी भी एक पर मेहरबान नहीं रहती वो बेवफा है, यार बदलती रहती है. आप तैयार रहे जवानी के लिए…..
* इस आलेख के सभी पात्र काल्पनिक है शीला की जवानी छोड़ कर, इसका किसी भी मृत या जीवित व्यक्ति से कोई सरोकार नहीं है, किसी तरह की समानता संयोग मात्र है.
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